बारिश की वो रात
उस रात अथर्व और विश्वास दोनों दोस्त अपने अपार्टमेंट की बालकनी में खड़े हुए बाहर हो रही तेज बारिश को देख रहे थे।
विश्वास के चेहरे पर उदासी के भाव थे साथ ही वह बहुत घबरा रहा था। उसेऐसे घबराते हुए देखकर अथर्व बोला - "तू बारिश के मौसम में इतना घबराता क्यों है विश्वास?"
विश्वास अथर्व को देखकर बोला - "बारिश के मौसम में सड़कों पर एक्सीडेंट्स बहुत होते हैं न!"
अथर्व ने विश्वास को दो पल देखा और फिर बोला - "हां मगर इसमें इतने घबराने की क्या बात है? तू सुरक्षित है, सब सुरक्षित हैं!"
अथर्व की बात सुनकर विश्वास के चेहरे के भाव ही बदल गए। वह अथर्व को देखकर बोला - "दरअसल पिछले साल ही मॉनसून में ऐसे ही एक सड़क हादसे में मेरी जान चली गई थी।"
विश्वास के इतना कहते ही अथर्व और विश्वास दोनों एक ठहाका लगाकर हंस पड़े। विश्वास अपने मजाक पर हंस रहा था और अथर्व हंसते हुए बोला - "ऐसा नहीं हो सकता मेरे भाई अगर तू प्रेत होता तो क्या मैं तुझे नहीं पहचानता साले!"
विश्वास हंसते हुए बोला - "क्यों तेरे पास कोई सुपरपावर है प्रेतों को पहचानने की?"
विश्वास की बात सुनकर अथर्व मुस्कुराया और कहने लगा - "नहीं। मगर बारिश में, सड़क हादसे में मरा हुआ एक प्रेत दूसरे प्रेत को तो पहचान ही सकता है न।"
अबकी बार विश्वास खीझ उठा और बोला - "बस कर भाई! मैंने मान लिया कि तेरा सेंस ऑफ ह्यूमर मुझसे अच्छा है।"
"मैं मजाक नहीं कर रहा विश्वास। सच में! मैं प्रेत ही हूं बस बुरा नहीं हूं..." इतना कहने के बाद विश्वास की आंखों के सामने ही अथर्व पानी की बूंदों में बदल गया...
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BhaRti YaDav ✍️
29-Jul-2021 08:24 AM
Nice
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Sahil writer
21-Jul-2021 11:24 PM
Badiya
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🤫
12-Jul-2021 09:53 PM
nice.....!
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